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Hindi Poetry [ऐसा कहा लिखा है की प्यार दो तरफा हो तभी करना जरूरी है] Hindi Shayari||Hindi Kavita||HPoetry||



ऐसा कहा लिखा है की प्यार दो तरफा हो तभी करना जरूरी है




मैं कैसे कहुँ कहाँ से शुरू करू कि जब से तुम मिले हो जिंदगी मैं कैसे कैसे बदलाव आये
उस दिन खुश तो मैं बहुत था पर थोड़ा हैरान भी अब आगे क्या करू कोई तो समझाये

यार मुझे कुछ मत कहना,
ये गुस्ताखी आंखों ने की थी उस दिन जो बिना इज़ाज़त तुझे मेहमान बना कर दिल के दरवाजे तक पहुँचा दिया
कम्भख्त हमसे पूछा भी नही, और दिल ने बाइज्जत उस मेहमान को अपना बना लिया

मेरा इस तरह कुछ महसूस करने का ये पहला मौका था

अब क्या करे और क्या न दिन रात इसी में कटने लगे
हम शायर तो थे नही पर घिसी पिटी शायरी जैसे भी करते रोज़ करने लगे
और उनमे से एक शेर ये था की
""ढेर सी बातें करनी है तुमसे पर तुम जैसे अपनी घड़ी में चाबी भर के रखती हो
यकीन करो दिल साफ है मेरा तुम ख़ामख़ा भोरोसा करने से डरती हो
कोई साज़िश नही आती न कोई षड्यंत्र आता है मुझको
बस दोस्ती करनी है तुमसे क्योंकि तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो""
ज़ख्म दो चार थे जो पहले के धीरे धीरे अब वो भी थे भरने लगे
पहले रहते थे घर पर जैसे भी अब बन टन कर थे रहने लगे
एक दिन ऐसा भी आया जब हमने तुमसे बात की
और सामने से तुमने भी की क्या खूब जवाबी शुरुवात की
ज़िंदा तो थे पर अब लगने लगा था की ज़िन्दगी में कोई बात है
पर मुझे यकीन ही नही हुआ उस दिन क्या ये हमारी पहली मुलाकात है
वैसे मैं बहुत खुश था उस दिन
उस दिन ,,,,,उस दिन जब
पहली बार तुम्हारी आंखोंमें उतरने का मौका मिला
पहली बार देखा की सादगी किसे कहते है
पहली बार जाना की होश कैसे खोते है
पहली बार लगा की नदियों ने लहराना तेरे बालो से सीखा होगा
पगली बार लगा की फूलों ने खिल जाना तेरे गालो से सीखा होगा
पहली बार लगा की आफताब सिर्फ मेहताब को नही तेरे चेहरे को भी रोशन करता है
पहली बार लगा तेरे लबों की लाली से ही गुलाब अपने सारे रंग भरता है
पहली बार लगा की खूबसूरती की तारीफ लफ़्ज़ों से नही जज़्बातो से होती है
पहली बार लगा की किसी रिशते की शुरुआत बातो से नही बस एहसासों से होती है
पहली बार लगा तेरी इस हँसी को अपनी यादो में बसा लूं और जब जरूरत हो तो उसे दिल खोल के तुम्हे दिखा दूँ
पहली बार लगा की मेरी ज़िन्दगी में भी मकसद है बस तेरे काम आ जाए इतनी सी हसरत है
पहली बार जाना की क्यों लोग बेक़रार किसी का इंतेज़ार करते है क्या यही तो वजह नही जिसके लिए सब प्यार करते है

ख़ैर अब सिलसिला आगे बड़ा और अब हम अच्छे दोस्त बन गए
हम तुम्हे जानने और अब तुम हमे पहचानने लग गए
कुछ मुलाकाते भी हुई और मैने कुछ लम्हे भी समेट लिए थे

पर अब वक़्त का दरिया कही ओर बहने वाला था
मुझे पता था मेरी किस्मत का और मैं अकेला पड़ने वाला था
पर फिर मुझे समझ आया कि
इश्क ज़रूरत की प्यास नही बस एक नज़रिया है जहाँ किसी को पाने से ज्यादा निभाना अहम होता है
इश्क़ मिलने की आस नही बस एक इंतेज़ार है जहाँ आग का दरिया पार हो चुका है ऐसा वहम होता है
इश्क़ एक देन है खुदा कि जिसपर कभी मिलने न मिलने का कभी अफसोस नही होना चाहिए
इश्क़ करना तो हक़ है सबका जिसपर कभी जबरदस्ती या किसी का जोर नही होना चाहिए
इश्क़ के बारे में हमे सब पता है और हम सबकुछ जानते है, पर आखिर में वो एक ही तो है जिसके आगे हम सजदा करते है और जिसे हम खुदा मानते है
मुझे पता है की तुम मुझे बहुत अच्छा मानते हो
जितना बाकी कहते है तुम उनसब से मुझे थोड़ा ज्यादा जानते हो
पर मैं जानता हुँ एक दिन हमारे रास्ते अलग हों जाएंगे
तुम कहीं ओर और शायद हम कहीं ओर चले जाएंगे
जाने क्यों मैं तुमसे मिला जाने क्यूं तुम्हारी जिंदगी में आया
कभी ऐसा लगे तो समझ लेना की था कोई एक पराया
जो गम्भीर सा था पर शर्मिला भी
जो उदास भी था पर नखरीला भी
जो तुमसे बात करने के बहाने तो ढूंढता पर कभी कह नही पाता...
जो तुमसे दूर जाने की भी कोशिश करता पर कभी रह नही पाता...
जो कहता की तुम उसकी जिंदगी में आये ये उसकी खुशनसीबी है
और ऐसा कहा लिखा है की प्यार दो तरफा हो तभी करना जरूरी है
और ऐसा कहा लिखा है की प्यार दो तरफा हो तभी करना जरूरी है...

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