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जून, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Hindi Shayari Images, pics||HPoetry||

Best Hindi Poetry [कुछ हाल मेरा भी देखो न] Hindi Shayari & Kavita||HPoetry||

कुछ हाल मेरा भी देखो न कुछ दर्द मेरा भी समझो न किसी से बात भी नही करता हुँ न जाने किस बात से डरता हुँ मेरी हसी मेरे आंसू छुपाती है सब कुछ ठीक ही तो है ये बतलाती है तुम कुछ भी समझ नही पाते हो एक पल में अनजाने बन जाते हो ये जीवन अब बेकार सा लगता है खाली रहकर रातों को जगता है एक काम मेरा भी कर दो न कुछ प्यार मुझे भी देदो न मैं फिर से जिंदा हो जाऊंगा और तुम्हारा एहसान निभाउंगा कुछ हाल मेरा भी देखो न कुछ दर्द मेरा भी समझो न सब कुछ होने पर भी सब खाली है हकीकत यह है की ये सब जाली है सोचा एक बड़ा कदम उठाता हुँ पर उनका कसूर नही समझ पाता हूँ जो मुझको अपना दिल देते है बदले में मुझसे कुछ नही लेते है असली रिश्ते तो वो निभाते है जो हमसे बात कर हमको समझ जाते है एक काम मेरा भी कर दो न कुछ वक़्त मुझे भी देदो न अब तुम सबसे प्यार जताउंगा शायद मैं जीना सीख जाऊंगा कुछ हाल मेरा भी देखो न कुछ दर्द मेरा भी समझो न

Best Hindi Poetry ["न जाने कैसे"] Hindi Kavita||HPoetry||

"न जाने कैसे" एक अजनबी की तरह मिले थे "न जाने कैसे" दोस्त बन गए पहले रोज़ मिलना होता था खुदसे न जाने कैसे अब खो गए ढूंढते वो तक़दीर हाथों में न जाने कैसे तुम मिल गये सावन तो बहुत दूर था अभी न जाने कैसे हम खिल गए बरसात में नदिया भर आयी न जाने कैसे हम रह गए जिंदगी ठहरीसी थी अबतक न जाने कैसे अब बह गए पहले रहते थे अक्सर घर पे न जाने कैसे अब बाहर निकलने लगे तुजसे बात करने के लिए एक एक बहाना न जाने कैसे इख्तियार करने लगे याद करते करते दर्द को अपने न जाने कैसे हम सो गए तुम्हे अपना बनाने चाहत थी आंखों में न जाने कैसे हम रो गए इश्क़ में अनजान थे जिन पड़ावों से न जाने कैसे अब सब जानने लगे इबादते खाली ही रहती थी खुदा से न जाने कैसे पर अब रोज़ तुम्हे मांगते लगे आहिस्ता आहिस्ता करीब दिल के न जाने कैसे तुम आ गए आ ही जाती बात लबो पर भी न जाने कैसे हम घबरा गए तेरी सादगी और अदा की तारीफ न जाने कैसे रोज़ करने लगे अपनी हर कविता में तेरी अदाओ को न जाने कैसे रोज़ भरने लगे तुम मेरी किस्मत बन के आये जिंदगी में न जाने कैसे हम पहचान ने लगे कोसते थे जिस किस्मत को अपनी न जाने कैसे अब मानने लगे दिल

Best Hindi Poetry [बस तुम्हारी बहुत याद आती है] Hindi Kavita ||HPoetry||

बस.. तुम्हारी बहुत याद आती है अभी अभी सो के उठा की सबसे पहले तुम्हारा ख्याल आया तुमसे बात किये तो लगता अरसा हो गया पर अभी तो एक ही हफ्ता बड़ी मुश्किल से गुज़र पाया जाने अनजाने कुछ कहा ही मेने तो मुझे माफ करना तुम्हें ठेस पहुचने की कभी इरादा नही किया पर कभी लगा तुम्हे तो मेरे नाम दर्द बेहिसाब करना मै तो तुम्हारी यादो के जंजाल में फसा हुआ हुँ न जाने तुम क्या कर रह होगी मेने एक डायरीदी थी तुम्हे क्या पता शायद उन्हें पढ़ रही होगी अब दिन रात तो नही है मेरे वैसे जो तुमसेमसे मिलने या बात करने पर हुआ करते थे न जाने क्यों सब बदल गए वो रास्ते भी जो तेरी गलियों को गुज़रा करते थे तुमसे दूर हु जबसे रोज़ अपनी गलतियां गिनता हुँ चुका सकू तेरे दिए हसीन लम्हो का कर्ज़ तो रोज़ अपने लिए एक तन्हा शाम चुनता हुँ मैं बेखबर नही हुँ इस सच्चाई से की तुमसे शायद अब कभी बात नही होगी पर जमानत नही दे सकता इस बात की भी की खयालो में भी तुमसे कोई मुलाकात नही होगी                                            वो मुलाकात जिसेके लिए में कभी बेसब्री से इंतेज़ार करता था तुमसे मिलना तो पहला काम होता था मेरा