सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

मई, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Hindi Poetry ["तुम कितनी सुंदर लगती हो"] Hindi Kavita||Hindi Shayari||HPoetry||

तुम कितनी सुंदर लगती हो तुम कितनी सुंदर लगती हो सूट पहनती हो तब तो कतई जहर लगती हो यूँ तो कोई इल्ज़ाम नही लगाता तुमपर वरना तुम्हे क्या पता तुम आएदिन कितने कत्ल करती हो तुम कितनी सुंदर लगती हो सर्दी के मौसम में सुबह का आफताब लगती हो मौसम भी खुदबखुद करवटे बदलने लगता है आफताब की किरणो में जब तुम अंगड़ाइयां भरती हो तुम कितनी सुंदर लगती हो थोड़ी पागल लगती हो जब बकबक करती हो कौंन कम्बकत सुनता है तुम्हारी बकवास हम तो बस ताक में रहते है जब तुम अपने होंठो पर मुस्कान भरती हो तुम कितनी सुंदर लगती हो कायनात भरती हो जब आंखों में काजल करती हो तैरना सीखना पड़ेगा अब हमको भी वरना तुम तो हरपल आंखों में डुबाने को तैयार रहती हो तुम कितनी सुंदर लगती हो गुलाबो से रंग लेकर जब तुम उन्हें अपने लबो में भरती हो कसम से धड़कने 100 के पार हो जाती है शर्म में सराबोर लबो से जब तुम खूबसूरती की बरसात करती हो तुम कितनी सुंदर लगती हो घायल करती हो जब तुम अपनी लटों से अटखेलिया करती हो कयामत का मंजर नज़र आता है तेरी ओर जब तुम उंगलियो से अपनी जुल्फों को आज़ाद करती हो तुम कितनी सुंदर लगती हो नदी की तरह जब तुम लेहरा कर चलती हो लोग मर

Hindi Poetry [तुम्हे याद करने की आदत सी हो गयी है] Hindi Shayari|| Hindi Kavita||HPoetry||

तुम्हे याद करने की आदत सी हो गयी है "तुम्हे याद करने की आदत सी हो गयी है मैं अब अक्सर अकेला जो रहता हुँ" मैं अकेला ही था तुमसे प्यार करने वाला भी और तुमसे दूर जाने वाला भी शिकायत होने पर नाराज होने वाला भी औऱ सब कुछ ठीक है ये जताने वाला भी "तुम्हे याद करने की आदत सी हो गयी है मैं अब अक्सर अकेला जो रहता हुँ" सोच कर पछतावा तो नही पर हैरानी जरूर होती है की कैसे तुम मेरी जिंदगी मैं एक हसीन किरदार बन के आयी औऱ क्या ये सब एक कहानी थी जो बीत गयी या कहीं न कहीं किसी पन्ने में इसके थी थोड़ी सी सच्चाई "तुम्हे याद करने की आदत सी हो गयी है मैं अब अक्सर अकेला जो रहता हुँ" लोगो से सुना तो था की प्यार के मायने औऱ उसके अंजाम क्या होते है पर तुम्हे देखते ही मैं सब कुछ भूल गया तुमसे प्यार करने की कोई शर्ते नही होंगी इसी शर्त पे मैने तुम्हे चुना और इस आग के दरिया में खुद गया "तुम्हे याद करने की आदत सी हो गयी है मैं अब अक्सर अकेला जो रहता हुँ" मैं आज भी किसी इम्तेहान के जैसे तैयारी करता हुँ ये सोच के की शायद कभी तुमसे फिर मुलाकात होगी औऱ डरता भी हुँ उसी इम्तेहान के अ

Hindi Poetry [Best Motivation Poem in Hindi] Hindi Kavita||HPoetry||

"कोई नही था साथ मेरे तो मैं ही अकेले चल पड़ा, अपने मक़ाम पर सफर में कुछ लोग भी साथ थे पर नज़रे थी उनकी, सिर्फ मेरे समान पर उम्मीद के भरोसे चल दिया था बिना तैयारी, जिंदगी के इम्तेहान पर माँ ने कहा था सोच समझ लेना बेटा भरोसा करने से पहले, किसी इंसान पर" मेरी किस्मत इतनी खराब तो नही की इसमे कोई मन्ज़िल न हो मेरी मेहनत इतनी भी बेकार तो नही इससे कुछ हासिल न हो बस यही सोच कर एक बार फिर मैं छलांग लगाने निकल पड़ता हुँ जमीन कम पड़ती है तो आसमान को नापने निकल पड़ता हुँ हक़ीक़त यही है की अब आगे बढ़ने की सिवा कोई रास्ता नही है पीछे मुड कर देख तो लूँ पर अब रुक कर ठहरना मेरा स्वभाव नही है जानता हुँ दिल टूटा है छोटे भी खाई है पर अभी तो बहुत कुछ सहना और टूटना बाकी है किसी का साथ मिलना और किसी का छूटना बाकी है अपनी किस्मत से हार कर मौत मांगना भी तो कोई रास्ता नही है मौत तो एहसान कर देगी पर जिंदगी का कर्ज़ चुकाना बाकी है वो जिंदगी जिसने हँसना और रोना सिखाया जिसने पाना औऱ खोना बताया जो हमसे सिर्फ इतना मांगती है की हम उसकी दिए तोहफे की ईज़ज़त करे जो इतना चाहती है की हम अपनी जीत के साथ साथ हार को भी स्वीकार