कुछ हाल मेरा भी देखो न
कुछ दर्द मेरा भी समझो न
किसी से बात भी नही करता हुँ
न जाने किस बात से डरता हुँ
मेरी हसी मेरे आंसू छुपाती है
सब कुछ ठीक ही तो है ये बतलाती है
तुम कुछ भी समझ नही पाते हो
एक पल में अनजाने बन जाते हो
ये जीवन अब बेकार सा लगता है
खाली रहकर रातों को जगता है
एक काम मेरा भी कर दो न
कुछ प्यार मुझे भी देदो न
मैं फिर से जिंदा हो जाऊंगा
और तुम्हारा एहसान निभाउंगा
कुछ हाल मेरा भी देखो न
कुछ दर्द मेरा भी समझो न
सब कुछ होने पर भी सब खाली है
हकीकत यह है की ये सब जाली है
सोचा एक बड़ा कदम उठाता हुँ
पर उनका कसूर नही समझ पाता हूँ
जो मुझको अपना दिल देते है
बदले में मुझसे कुछ नही लेते है
असली रिश्ते तो वो निभाते है
जो हमसे बात कर हमको समझ जाते है
एक काम मेरा भी कर दो न
कुछ वक़्त मुझे भी देदो न
अब तुम सबसे प्यार जताउंगा
शायद मैं जीना सीख जाऊंगा
कुछ हाल मेरा भी देखो न
कुछ दर्द मेरा भी समझो न
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