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Best Hindi Poetry [Haan... Main Tumse Pyaar Karta Hoon ]Hindi Shayari||Love Poetry||#HPoetry

हाँ मैं तुमसे बहुत प्यार करता हुँ

तुम्हे देखता हुँ तो ऐसा लगता है की मेरी कहानी का अहम किरदार मुझे मिल गया
मेरी अधूरी कहानी जो थमी हुई थी बरसो से तुम्हारा साथ मिलने से कुछ नया लिखने को मिल गया

मैं कोई चोर नही जो तुम्हारे दिल को चुराने की कोशिश करूँगा
अगर तुमसे कोई रिश्ता बना सका ईतो बस उसे तहेदिल से निभाने की कोशिश करूँगा

तुम्हे किसी बात के लिए कभी मजबूर नही करूँगा
कुछ बनने से लिए पहले तुम्हारा सबसे अच्छा दोस्त बनूँगा

तुम्हारा दोस्त बनकर तुम्हारे उन पहलुओं तक पहुँचूँगा जो तुमने सबसे छिपाये है
कुछ अपने राज़ भी तुम्हे बताऊंगा की मैंने कैसे कैसे अपने रिश्ते सबसे निभाये है

तुम्हारे साथ सफर कितना रहेगा मुझे इस बात की परवाह नही
पर तुम्हारे साथ बिताया हरपल अहम होना चाहिए उसके बाद फिर चाहे तुम कहीं और मैं कहीं

एक दिन तुमसे अपने दिल की बात जरूर कहूंगा
फिर चाहे तुम्हारे दिल में या तुमसे दूर रहूंगा
तुम्हे तो बसा लिया है दिल में
पर लगता है की मैं कहीं गुम हो गया
तुम्हारा चेहरा भुलाये जो नही भूलता
तो मैं आंखे बन्द कर पलको पर तुम्हारी तस्वीर लगाए सो गया

क्या बताऊ मेरा उस ख्याल से बाहर आने का मन बिल्कुल भी नही था
तुम्हारी जुल्फों से छटती धूप को छोड़ के आने का मन बिल्कुल नही था

मेरा मन तो था की ख्यालो में ही सही तुमसे वो बात कह दूँ जो मैं हक़ीक़त में कहने से डरता हुँ
पर एक दिन तुम्हारा हाथ थामकर तुमसे आँखे मिलाकर ये बताऊंगा तुम्हे की
हाँ मैं तुमसे बहुत प्यार करता हुँ
हाँ मैं तुमसे बहुत प्यार करता हुँ



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Hindi Poetry ["तुम कितनी सुंदर लगती हो"] Hindi Kavita||Hindi Shayari||HPoetry||

तुम कितनी सुंदर लगती हो तुम कितनी सुंदर लगती हो सूट पहनती हो तब तो कतई जहर लगती हो यूँ तो कोई इल्ज़ाम नही लगाता तुमपर वरना तुम्हे क्या पता तुम आएदिन कितने कत्ल करती हो तुम कितनी सुंदर लगती हो सर्दी के मौसम में सुबह का आफताब लगती हो मौसम भी खुदबखुद करवटे बदलने लगता है आफताब की किरणो में जब तुम अंगड़ाइयां भरती हो तुम कितनी सुंदर लगती हो थोड़ी पागल लगती हो जब बकबक करती हो कौंन कम्बकत सुनता है तुम्हारी बकवास हम तो बस ताक में रहते है जब तुम अपने होंठो पर मुस्कान भरती हो तुम कितनी सुंदर लगती हो कायनात भरती हो जब आंखों में काजल करती हो तैरना सीखना पड़ेगा अब हमको भी वरना तुम तो हरपल आंखों में डुबाने को तैयार रहती हो तुम कितनी सुंदर लगती हो गुलाबो से रंग लेकर जब तुम उन्हें अपने लबो में भरती हो कसम से धड़कने 100 के पार हो जाती है शर्म में सराबोर लबो से जब तुम खूबसूरती की बरसात करती हो तुम कितनी सुंदर लगती हो घायल करती हो जब तुम अपनी लटों से अटखेलिया करती हो कयामत का मंजर नज़र आता है तेरी ओर जब तुम उंगलियो से अपनी जुल्फों को आज़ाद करती हो तुम कितनी सुंदर लगती हो नदी की तरह जब तुम लेहरा कर चलती हो लोग मर